cPpksa esa czsu ldrh c<+kus dk 10 vkLku rjhdk
1. स्टडी प्रेशर - बच्चों पर नम्बरों या पोजीशन लाने का दबाव न बनायें।
2. लगातार पढ़ने से बचें - पढाई का टाइम बांटें और बीच-बीच मैं ब्रेक भी लें।
3. नई चीज़ों से जोड़ें - पढ़ाई में चीज़ों का एसोसिएशन करें।
4. रिविजन के तरीके में बदलाव लाऐ - लिख-लिख कर याद करें या ज़ोर-ज़ोर से बोल कर पढ़ें।
5. नोट्स बनाऐ - चैप्टर्स और इम्पोर्टेन्ट चीज़ों के प्रॉपर नोट्स बनायें।
6. तनाव मुक्त वातावरण घर के माहौल का बच्चों के दिमाग पर बहुत गहरा असर पड़ता है इसलिए बच्चों के सामने और उनकी पढ़ाई के दौरान कोशिश करनी चाहिए कि घर का माहौल तनाव मुक्त रहे ख़ासकर टीनएजर्स के लिए , साथ ही साथ बच्चे के मन में पढ़ाई या किसी और चीज़ को लेकर किसी तरीके का परेशानी, दुविधा, चिंता, डर, तनाव आदि न हो।
ऐसी
बातें अक्सर बच्चे अपने माता-पिता से शेयर नहीं कर पाते इसलिए माता-पिता को ही कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों के साथ उनका रिलेशनशीप माता-पिता वाला होने के साथ- साथ दोस्तों जैसा भी हो .... इससे घर में माहौल भी सकारात्मक रहेगा और माता-पिता के लिए भी यह जानना आसान रहेगा कि कहीं बच्चा किसी तनाव की स्थिति से तो नहीं गुज़र रहा या कोई चीज़ उसके सोचने की शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव तो नहीं डाल रही। इसलिए बच्चों के साथ फ्रेंडली और हैल्दी रिलेशनशिप बिल्ड-अप करें और बच्चों को पढ़ाई के लिए तनावमुक्त वातावरण दें।
7. स्वाभाविक है भूलना भूलना हर एक की परेशानी की वजय होती है और बच्चों में तो कुछ ज़्यादा ही क्योंकि उन्हें एक ही समय पर कई चीज़ें एक साथ याद रखनी होती हैं इसलिए यदि आपका बच्चा याद करता है और भूल जाता है तो यह कोई बहुत परेशानी वाली बात नहीं है और न ही इस चीज़ का प्रेशर बच्चे पर डालें बल्कि अपने बच्चे के भूल जाने के कारण का पता लगाऐ और उसकी मदद करें। आमतौर पर बच्चे एग्जाम की टेंशन में जल्दबाज़ी में याद करने , एक समय पर बहुत सारा याद करने और एक जैसे फार्मूलों में कंफ्यूज हो जाते हैं और भूल जाते हैं इसलिए बच्चों पर हर वक्त पढ़ते रहने का दबाव नहीं बनाना चाहिए और एक बार में सिर्फ एक ही सब्जेक्ट पढ़ें , साथ ही साथ किसी पाठ को बार-बार दोहराने तथा एक जैसे फार्मूलों को याद करते वक्त बीच में ब्रेक लेना बहुत ज़रूरी होता है। इसलिए भूलने की समस्या से घबराएं नहीं बल्कि समस्या का सामाधान ढूंढने की कोशिश करें।
8. अपना-अपना तरीका
सबका दिमाग अलग-अलग तरीके से काम करता है इसलिए सब बच्चों
का पढ़ने का अपना तरीका होता है इसलिए यह ज़रूरी नहीं की अपने समय में जैसे आप को चीज़ें याद होती थी वही तरीका
आपके बच्चों पर भी वर्क करे इसलिए बच्चों पर अपने पढ़ने का ढंग ज़बरदस्ती थोपने
की कोशिश न करें। कोई बोल कर तो कोई लिख कर याद करता है , किसी को याद करने में समय लगता है और किसी को जल्दी याद हो जाता है , ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस तरीके से बच्चे
का ध्यान पढाई में लगता है और कैसे उससे आसनी से याद होता है इसलिए
बच्चों को उनके तरीके से पढ़ने दें और उनपर ज़बरदस्ती का दबाव न डालें।
9. डिस्कस करें करियर काउंसलर्स का मानना है कि बच्चों के साथ पढाई पर माता-पिता को रेगुलर डिस्कशन करना चाहिए , जो वो याद करते हैं उनके बारे में सवाल पूछने चाहिए साथ ही अगर उन्हें कुछ सही ढंग से समझ नहीं आ रहा है तो उन्हें उसे आसान तरीके से समझाना चाहिए , इससे चीज़ें ज़्यादा जल्दी याद होती हैं तथा लम्बे समय तक याद भी रहती हैं और अगर एक्ज़ाम्स के दौरान कभी बच्चा भूल भी जाये तो आपके साथ हुए डिस्कशन के कारण उसे भूल हुई चीज़ें भी याद आ जाती हैं।
10. एक्सरसाइज सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद ज़रूरी है इससे शरीर तो फिट रहता ही है साथ ही दिमाग फ्रेश और तनावमुक्त
भी रहता है साथ ही ध्यान लगाने से यादाशत भी तेज़ होती है इसलिए बच्चो को हमः बंद कमरों में ही नहीं कुछ देर खुले वातावरण में समय बिताने की सलाह दें साथ ही सुबह के वक्त खुले वातावरण में पढ़ने से याद भी जल्दी होता है और लम्बे समय तक याद भी रहता है।
बच्चों का एक अच्छे स्कूल में एडमिशन करवा कर या कुछ एक्स्ट्रा कोचिंग या टूशन लगवा कर माता-पिता की बच्चों के प्रति ज़िम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती क्योंकि स्कूल और कोचिंग में बच्चा सिर्फ पढ़ सकता है.…लेकिन सिर्फ पढ़ने से तो सब कुछ नहीं होता , पढ़ने के साथ-साथ उसे समझने और सही तरीके से अप्लाई करने के लिए उसे एक अच्छे तनावरहित माहौल और सही गाइडिएन्स की ज़रूरत होती है और माता-पिता से बेहतर दोस्त और गाइडिएन्स
तो कोई नहीं दे सकता।
0 टिप्पणियाँ